Corona is deadly, but not a bloodthirsty oppressor. The poor thing does not even know that it can kill. It spreads but does not know how to murder like a lynch mob. It is not like the Home Minister. Not like the Delhi Police. Not like Ranjan Gogoi. It has no philosophy like the RSS. Its life merely of fourteen days. Best of all, it does not differentiate between a Hindu and a Muslim. If someone wishes, even the poor can be saved from it.
कोरोना घातक है पर जालिम और जुल्मी नहीं. बेचारा जानता भी नहीं कि वह जानलेवा है. वह फैलता है पर भीड़ की शक्ल में हत्या करना नहीं जानता. वह गृह मंत्री जैसा नहीं. दिल्ली पुलिस जैसा नहीं. रंजन गोगोई जैसा नहीं. आरएसएस जैसा कोई फलसफा उसके पास नहीं. चौदह दिन ही उसका जीवन है. सबसे अच्छा है कि वह हिंदू मुसलमान में फर्क नहीं करता. कोई चाहे तो कोरोना से गरीबों को भी बचा सकता है.
Translated from Hindi by Tarun Bhartiya
Be First to Comment